प्रिय विधार्थियों,
आपके सफल, स्वस्थ एवं सुखमय जीवन हेतु हार्दिक शुभकामनाये !
विद्यार्थी जीवन एक खोज एवं अनुसन्धान की प्रयोगशाला है जहाँ अध्यापक प्रत्येक की रूचि, अभिरुचि, क्षमता एवं दक्षता की पहचान करता हैं। अध्यापक अपने अनुभव एवं मेहनत से विद्यार्थी के सपनो को साकार करने हेतु सदैव प्रत्यनशील रहता हैं। अध्यापक सदैव विद्यार्थी की सफलता में स्वयं की सफलता महसूस करता हैं। विद्यार्थी के सफल होने पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता हैं। विद्यार्थी अध्यापक का दर्पण होता है, जिससे अध्यापक का व्यक्तित्य मुखरित होता हैं। प्रत्येक विद्यार्थी का कर्तव्य है की अपने अध्यापक का आदर करे, उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चले एवं उनके द्वारा दी गई शिक्षा का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुचायें।
प्रत्येक विद्यार्थी का कर्तव्य है की वह अपने माता - पिता का सम्मान करें। उनके द्वारा प्रदत्त साधनों का दुरुप्रयोग न करें, अपनी वस्तुओं को सही स्थान पर रखें, माता - पिता की आज्ञा का सैदव पालन करें। बहन -भाइयों के साथ अच्छा व्यवहार करें , माता-पिता की आज्ञा के बिना घर से बाहर नहीं जाए। दुर्व्यसनों से हमेशा दूर रहे , समय सरणी के अनुसार नियमित अध्ययन करें। घर और स्कूल को हमेशा स्वच्छ बनायें रखने का प्रयास करें। अतिथियों का सैदव आदर सत्कार करें, क्रोध को सैदव नियंत्रण में रखे। दूसरो को बात को सैदव शांति से सुने और दूसरो से शालीनता से व्यवहार करें और अनावश्यक उपदेश नहीं दें।
विधार्थी को स्वहित के स्थान पर परहित के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। राष्ट्र और समाज के उत्थान हेतु सैदव तत्पर रहना चाहिए।
शुभकामनाओं सहित,
वरुण कुमार यादव
(चैयरमैन)